वैश्विक गणेश: दक्षिण अमेरिका में ‘श्री गणेश’

वैश्विक गणेश / ३ 

@ प्रशांत पोळ 

भारत से सबसे ज्यादा दूरी वाले जो क्षेत्र हैं, उन में दक्षिण अमेरिका के देश प्रमुख हैं. मेक्सिको, पेरु, वेनेजुएला, ग्वाटेमाला, होण्डुरास आदि. इन सभी देशों में भगवान गणेश के पूजे जाने के सशक्त प्रमाण मिले हैं. दक्षिण अमेरिका में माया और इंका संस्कृति थी. सन १५१९ में स्पेनिश आक्रांताओं ने इन संस्कृति को मानने वाले आझटेक साम्राज्य को पराभूत कर, वहां अपना धर्म, अपनी भाषा और अपनी संस्कृति लाद दी. इन देशों के प्राचीन संस्कृति और रीतिरिवाज को समाप्त करने का भरपूर प्रयास किया. किन्तु, फिर भी जो अवशेष बचे हैं, वे सब इस बात के प्रमाण हैं, की यह संस्कृति, भारत की हिन्दू संस्कृति से प्रेरित थी. 

इन सभी देशों में भगवान गणेश, विभिन्न शैली में मिले हैं. ‘Elephant headed God’ ऐसा सभी इतिहासकारों ने और पुरातत्व वेत्ताओं ने गणेश जी का वर्णन किया हैं. मजेदार बात यह की दक्षिण अमेरिका या उत्तर अमेरिका में दूर दूर तक कही भी हाथी नहीं मिलते. ऐसे में, हाथी के स्वरूप वाले भगवान वहां मिलना यह इस बात का स्पष्ट संकेत हैं, की भारत का प्रभाव, इन देशों पर निश्चित रूप से था. अनेक पुरातत्वविदों ने इस बात की पुष्टि की हैं. सबसे पहले, अर्थात लगभग दो सौ वर्ष पहले, Alexander Von Humbolt इस यूरोपियन एंथ्रोपोलोजिस्ट ने यह प्रतिपादित किया था की दक्षिण अमेरिका की प्राचीन संस्कृति यह भारत से प्रेरित हैं. 

इन दिनों पुरातत्व क्षेत्र का एक जाना पहचाना नाम हैं, Graeme R Kearsley. ये मूलतः ऑस्ट्रेलिया के आर्किटेक्ट हैं. किन्तु पुरातत्व शास्त्र में बेहद रुचि होने के कारण, उसी में महारथ हासिल की हैं. इनका विशेष अभ्यास दक्षिण अमेरिका के देशों में प्रचलित माया और इंका संस्कृति पर हैं. इन्होने अनेक पुस्तके लिखी हैं, जिनमे प्रसिध्द हैं – Inca Origin, Pakal’s Portal to Paradise at Palenque, Maya Genesis आदि. दक्षिण अमेरिका के देशों में भगवान गणेश जी की उपस्थिती के बारे में इन्ही के शब्दों में -  
“In considering the transfer of specific aspects of myth and iconography from Asia and India in particular the god good luck, trade and commercial relationships who received the adoration and propitiation from long distance traders and mariners, among other devotees, was Ganesa. This deity was usually depicted in anthropomorphic form with an elephant head and he is unusually depicted in identical forms in Central America among the Maya.”

“A ritual vessel from the Classic Maya showing what appears to be an elephant deity depicting reasonably faithfully, probably from a mariner's description from Buddhist or Hindu India, this special deity as Ganesa - the god of protection and luck in ventures.”

“Inca themselves appear to have preserved their origins from the Aryans of India.”

मेक्सिको के दियागो रिविएरा में भगवान शिव और गणेश का एक बहुत बड़ा मंदिर हैं. मेक्सिको के ही वेराक्रूज में गणेश जी की प्रतिमाएँ मिली हैं. वेनेजुएला के क्विरागुआ में एझटेक संस्कृति में भगवान गणेश की पूजा होती थी, इसके प्रमाण मिले हैं. ग्वाटेमाला में माया संस्कृति के हाथी के मस्तक वाले भगवान के बारे में अनेक प्रतिमाएं एवं उल्लेख मिलते हैं. ग्वाटेमाला, होण्डुरास, पेरु आदि देशों के संग्रहालयों में लगभग डेढ हजार वर्ष पुरानी गणेश प्रतिमाएं उपलब्ध हैं. 

मेक्सिको में तो भगवान गणेश का इतना आकर्षण हैं, की वहां के तुलुम शहर के एक प्रमुख रिज़ॉर्ट का नाम ही Casa Ganesh Tulum हैं. मेक्सिको में ही, प्रशांत महासागर के किनारे पर बसे एक छोटे से सुंदर शहर सायुलिता में सबसे महंगे टुरिस्ट अपार्टमेंट का नाम हैं, Palapa Ganesh Amazing Ocean view. दक्षिण अमेरिका के प्रत्येक देश के, अनेक शहरों में ‘गणेश’ इस नाम की ऐसी जादू दिखेगी. 

मुस्लिम आक्रांता आने के पहले तक, अर्थात लगभग ९०० वर्ष पहले तक, विश्व के व्यापार का एक तिहाई हिस्सा रहे, विश्व व्यापार के सिरमौर – भारत, के व्यापारी अपने जहाजों से सारे विश्व में जाते थे. वे अपने साथ अपनी संस्कृति, अपनी उपासना पध्दति, अपने भगवान भी साथ लेकर चलते थे. इसी क्रम में, सभी कार्य के कार्यारंभ के विघ्नहर्ता, भगवान गणेश भी संपूर्ण विश्व में पहुचे. और इसीलिए दक्षिण अमेरिका में, कार्बन डेटिंग के अनुसार, ढाई हजार वर्षों से भी पहले, गणेश भगवान का उल्लेख और उनके पूजन के प्रमाण मिलते हैं. 

ये सारे प्रमाण, उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा हैं, जो आज भी यह कहते हैं, की ‘वास्को-डी-गामा ने भारत की खोज की थी’...!

©️ विश्व संवाद केंद्र, देवगिरी

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